अपनी शक्ति का एक नशा युवा पर छाया रहता करता अपने मन की चाहे कोई कुछ भी कहता अपनी शक्ति का एक नशा युवा पर छाया रहता करता अपने मन की चाहे कोई कुछ भी कहता
ना जाति ना धर्म ना बैर ना कोई मलाल लगाकर गालों पर गुलाल, ना जाति ना धर्म ना बैर ना कोई मलाल लगाकर गालों पर गुलाल,
कुछ अपनी आवाज मंद थी कुछ तुमने भी कान न पाये। कुछ अपनी आवाज मंद थी कुछ तुमने भी कान न पाये।
विमुग्ध बिमल क्षरे अबिरल शीत पूत ज्योत्स्ना राशि आनंदाश्रु सम अश्कों की कण बिखेरे शबनमी मोती निस... विमुग्ध बिमल क्षरे अबिरल शीत पूत ज्योत्स्ना राशि आनंदाश्रु सम अश्कों की कण बि...
जब तक है मेरे इस जिस्म में जान गाता रहूंगा मैं तो भारत का गान। जब तक है मेरे इस जिस्म में जान गाता रहूंगा मैं तो भारत का गान।
जिस मिट्टी में जन्म की ,चाह करें भगवान। करे लेखनी किस तरह, उस भारत का गान। जिस मिट्टी में जन्म की ,चाह करें भगवान। करे लेखनी किस तरह, उस भारत का गान।